Saturday, September 10, 2016

संज्ञा और उसके भेद

संज्ञा-

किसी व्यक्ति, स्थान, जाति, भाव, द्रव्य आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं।

जैसे-
मोहन (व्यक्ति),
दिल्ली (स्थान),
पशु (जाति),
क्रोध (भाव),
तेल (द्रव्य) आदि।

--संज्ञा के भेद

संज्ञा के 5 भेद हैं-

1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
2. जातिवाचक संज्ञा
3. भाववाचक संज्ञा
4. द्रव्यवाचक संज्ञा
5. समूहवाचक संज्ञा

1. व्यक्तिवाचक संज्ञा

जिन संज्ञा शब्दोँ से किसी एक ही व्यक्ति, वस्तु या स्थान विशेष का बोध हो, उन शब्दोँ को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैँ। जैसे-

व्यक्तियोँ के नाम-

राम, मोहन, अदिति, शबनम, पूजा, कंचन आदि।

देशों के नाम-

भारत, अमेरिका, फ्रांस, ईरान, नेपाल, थाईलैंड आदि।

नगरोँ के नाम-

चंडीगढ़, मुंबई, मद्रास, कैलिफोर्निया, पैरिस आदि।

दिशाओँ के नाम-

पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण,  नैऋत्य, आग्नेय, ईशान, वायव्य आदि।

नदियोँ के नाम-

गंगा, यमुना, नील, मिसिसिप्पी आदि।

पर्वतोँ के नाम-

हिमालय, ऐल्प्स, फ़ूजी, विंध्याचल आदि।

सागरोँ, महासागरों के नाम-

हिन्द महासागर, अटलांटिक महासागर, प्रशांत महासागर, अरब सागर आदि।

दिनोँ के नाम-

सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरूवार आदि।

महीनोँ के नाम-

जनवरी, फरवरी, मार्च, चैत्र, वैशाख, भाद्रपद आदि।

ग्रह-नक्षत्रोँ के नाम-

सूर्य, चन्द्रमा, शनि, मंगल, वृहस्पति आदि।

समाचार- पत्रोँ के नाम-

दैनिक भास्कर, ट्रिब्यून, सामना आदि।

पुस्तकोँ के नाम-

महाभारत, आर्यभट्टीय, डिस्कवरी आफ इंडिया, नाट्यशास्त्र आदि।

2. जातिवाचक संज्ञा-

जिन संज्ञा शब्दों से उनकी पूरी जाति का बोध होता है उन शब्दों को जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।

जैसे - मनुष्य, पशु, नगर, गाँव, नदी, पर्वत, घोड़ा, पक्षी, लड़का, कुत्ता, गाय, पेड़, स्त्री, पुरूष, नर,  नारी, मामा, बुआ, पण्डित, क्षत्रिय, लेखक, कवि, आदि।

3. भाववाचक संज्ञा-

जिन संज्ञा शब्दों से किसी भाव, गुण, दोष, दशा आदि का बोध होता है उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं।

जैसे- मुस्कुराहट, मिठास, अपनापन, परायापन आदि।


भाववाचक संज्ञा बनाना-


--जातिवाचक से भाववाचक संज्ञा बनाना

जातिवाचक - भाववाचक

पशु - पशुता

मनुष्य - मनुष्यता

शहर - शहरी

बूढ़ा - बुढ़ापा

शत्रु - शत्रुता

मित्र - मित्रता

मूर्ख - मूर्खता

घर - घरेलू

देहात - देहाती

समाज - सामाजिकता

विद्वान - विद्वत्ता

जाति - जातीयता

स्त्री - स्त्रीत्व

पंडित - पांडित्य

चोर  -    चोरी

क्षत्रिय -  क्षत्रियत्व  

ब्राह्मण  -   ब्राह्मणत्व
     
डाकू -  डाका, डकैती      


--सर्वनाम शब्दों से भाववाचक

अपना - अपनत्व, अपनापन

मम  -   ममत्व
 
निज  - निजत्व                          
पराया -  परायापन

अहम्  -  अहंकार


--विशेषण से भाववाचक संज्ञा बनाना

विशेषण - भाववाचक संज्ञा

सुंदर - सुंदरता

कठोर - कठोरता

गर्म - गर्मी

ठण्डा - ठण्डक

चौड़ा - चौड़ाई

गन्दा - गन्दगी

सामाजिक - सामाजिकता

काला - कालापन

नीला - नीलापन

लाल - लाली

वीर - वीरता

लालची - लालच

डरावना - डर

क्रोधी - क्रोध

बड़ा - बड़प्पन

छोटा - छुटपन/छोटापन

लम्बा - लम्बाई

भिन्न - भिन्नता

शांत - शान्ति

गुरु - गुरुता

सभ्य - सभ्यता

एक - एकता

नीच - नीचता

मीठा - मिठास

कायर - कायरता

अच्छा  - अच्छाई

उचित - औचित्य

आवश्यक  -  आवश्यकता


--क्रिया से भाववाचक संज्ञा बनाना

क्रिया - भाववाचक संज्ञा

चढ़ना - चढ़ाई

पढ़ना - पढ़ाई

लड़ना - लड़ाई

झुकना - झुकाव

कूदना - कूद

तनना - तनाव

लिखना - लिखावट

दौड़ना - दौड़

घबराना - घबराहट

बनाना - बनावट

मिलाना - मिलावट

निकलना - निकास

निकालना - निकासी

विकसित होना - विकास

चुनना  -  चुनाव  
   
जीतना  -  जीत

कहना  -  कहावत

मुस्कराना -  मुस्कराहट

भिड़ना   -   भिड़न्त

ठगना -   ठगी  


--विस्मयादिबोधक से भाववाचक

वाह-वाह     वाह-वाही

हा-हा         हाहाकार


4. द्रव्यवाचक संज्ञा-

जिन संज्ञा शब्दों से किसी द्रव्य, धातु आदि का बोध होता हो जिन्हें नापा या तौला जा सके उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं।

जैसे- सोना, दूध, पीतल, तांबा, घी, पानी आदि।

5. समूहवाचक संज्ञा-

जिन संज्ञा शब्दों से किसी समूह अथवा समुदाय का बोध हो उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं।

जैसे- भीड़, सेना, गुच्छा, झुंड, मेला, जुलूस आदि।

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