अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध' द्विवेदी युग के प्रमुख कवि है।
अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध' जी का जन्म 15 अप्रैल 1865 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के निजामाबाद में हुआ।
हिंदी साहित्य सम्मेलन ने उन्हें एक बार
सम्मेलन का सभापति बनाया और विद्यावाचस्पति की उपाधि से सम्मानित भी किया था l
हरिऔध जी ने गद्य और पद्य दोनों ही
क्षेत्रों में रचनायें कीं-
उपन्यास
ठेठ हिन्दी का ठाठ
अधखिला फूल
महाकाव्य
प्रियप्रवास
वैदेही वनवास
मुक्तक काव्य
चोखे चौपदे
चुभते चौपदे
कल्पलता
बोलचाल
पारिजात
हरिऔध सतसई
नाटक
रुक्मणी परिणय
प्रदुम्न विजय
आलोचना
कबीर वचनावली
साहित्य सन्दर्भ
हिन्दी भाषा और साहित्य का विकास।
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